Sunday 18 September 2011

EARTHQUKAE

दिल्ली विश्वविद्यालय के तीन वैज्ञानिकों के एक शोध का तर्क रखते हुए हुक्मचंद सांवला ने कहा कि एक कमेले में पशुओं के कटान के समय निकलने वाली चीख-चिल्लाहट से 1040 मेगावाट इपीडब्ल्यू तरंग निकलती है जो भू-मंडल में इंटरैक्ट करती है। यही तरंगें भूमि के अंदर पानी तक पहुंच रेडियम के संपर्क में आकर दस गुणा बढ़ जाती हैं और यही भू-खंड में कंपन का कारण बनती हैं, जिससे भूकंप और सुनामी जैसी विपदाएं आती हैं। आने वाले दिनों में विशव में अधिक भूकंप आ सकते हैं |